Thursday, 4 February 2021

अंतर्रात्मा

 


ये अंतर्रात्मा क्या होती है माँ?

बिटिया ने एक कहानी पढ़ते-पढते पूछा।

 'मन' मैंने कहा।

 'मन' का मतलब क्या?उसने पूछा!

 "मन जो दिमाग से अलग होता है।

बुद्धि-विवेक,छल-प्रपंच से अलग जिसकी ध्वनि सुनी जा सकती है,जहाँ से सदा सच्ची और अच्छी आवाज़ आती है।

मैंने कहा।


सबको सुनाई पड़ती है "अंतर्रात्मा की आवाज़"?उसने पूछा

"हाँ लगभग हर मनुष्य को किसी भी काम करने के पहले,जीवन की हर दुविधा में सही-गलत के निर्णय में सहायक होती है।"मैंने कहा।

"उसने लगभग उदास होते हुये कहा,आजकल लगता है अंतरात्मा ने बात करना बंद कर दिया है मनुष्यों से!"


"नहीं बेटा मनुष्य अंतर्रात्मा की आवाज़ सुनना नहीं चाहते हैं क्योंकि अंतरात्मा के बताये राह पर चलना आसान नहीं होता है।"


#श्वेता

13 comments:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (०५-०२-२०२१) को 'स्वागत करो नव बसंत को' (चर्चा अंक- ३९६९) पर भी होगी।

    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    अनीता सैनी

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  2. अंतर्आत्मा की आवाज़ की सुंदर व्याख्या 🌹🙏🌹

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  3. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 07 फरवरी 2021 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  4. "नहीं बेटा मनुष्य अंतर्रात्मा की आवाज़ सुनना नहीं चाहते हैं क्योंकि अंतरात्मा के बताये राह पर चलना आसान नहीं होता है।"
    और आज लोग सरल राह चुननेमें यकीन रखते है,बहुत ही सुंदर और सटीक सादर नमन श्वेता जी

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  5. कड़वी सच्चाई व्यक्त करती रचना।

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  6. यही सत्य है मनुष्य का ।

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  7. श्वेता जी बहुत खूब ल‍िखी- लघुकथा.. प्रेरणादायी और कटुसत्य भी

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  8. कितना बड़ा सत्य सहजता से वार्ता के माध्यम से कह दिया श्वेता।
    मासूम प्रश्न का हृदय विदारक सा उत्तर जैसे हृदय हार गया आज के ढंग से।
    सुंदर प्रस्तुति।

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  9. बाद में परिणाम देखकर अपने परछाई से भी डरने वाले ऐसे मनोरोगी भी होते है
    बिटिया को पूरा समझाने की बात है छुटकी

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  10. सही कहा श्वेता।

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  11. सत्य कथन..प्रभावी सृजन ।

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  12. ये वार्तालाप बहुत कुछ कह रहा । सब सरल मार्ग ढूंढ लेते हैं ।अन्तरात्मा की आवाज़ को दबा देते हैं ।

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