प्यार की एक बूँद में
तुम जीवन बहा दो
नेह की बारिशों से
सूखी धरा नहा दो
इच्छाओं को उड़ने दो
सोते स्वप्न जगा दो
जीवंत एक मुस्कान पर
अपना सर्वस्व लुटा दो
मेरी बिखरी साँसों से
अपना अस्तित्व उलझा दो
छोटे से इस जीवन को
प्रेम की कड़ियों से सजा दो
क्या माँगू न दे पाओगे
व्यथा हिय की कैसे मिटाओगे
दो पल को तुम साथ रहो
और सारा दुःख बिसरा दो
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