चीं-चीं,चूँ-चूँ करती नन्हीं गौरेया को देखकर
मेरी बिटुआ की लिखी पहली कविता जो
उसने ५वीं कक्षा(२०१७) में लिखा था
और साथ में उसके द्वारा बनाई गयी
पहली कैनवास पेंटिंग
जो मेरे लिए विशेष है-
चूँ-चूँ करती
गाती चिड़िया,
गाते गाते
सबका मन
मोह जाती चिड़िया,
उसकी
मधुर वाणी से
सब खुश हो जाते,
चुगते-चुगते
खा जाती है दाना,
तिनका-तिनका
जोड़कर
बनाती अपना घोंसला,
फिर,
आता है एक चूजा,
जिसे नहीं आता है
उड़ना,
फिर धीरे धीरे
वह सीखता है
उड़ना,
अपनी माँ से।
गाती चिड़िया,
गाते गाते
सबका मन
मोह जाती चिड़िया,
उसकी
मधुर वाणी से
सब खुश हो जाते,
चुगते-चुगते
खा जाती है दाना,
तिनका-तिनका
जोड़कर
बनाती अपना घोंसला,
फिर,
आता है एक चूजा,
जिसे नहीं आता है
उड़ना,
फिर धीरे धीरे
वह सीखता है
उड़ना,
अपनी माँ से।
#मनस्वी प्राजंल
(2017)