शब्द तूलिका

विचार जो शब्दों में डूबकर पन्नों पर बिखर कर ज़िंदगी के रंग भरते हैंं।

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Saturday, 20 March 2021

चिड़़िया

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चीं-चीं,चूँ-चूँ करती नन्हीं गौरेया को देखकर  मेरी बिटुआ की लिखी पहली कविता जो  उसने ५वीं कक्षा(२०१७) में लिखा था  और साथ में उसके द्वारा  बन...
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Thursday, 4 February 2021

अंतर्रात्मा

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  ये अंतर्रात्मा क्या होती है माँ? बिटिया ने एक कहानी पढ़ते-पढते पूछा।  'मन' मैंने कहा।  'मन' का मतलब क्या?उसने पूछा!  "...
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Sunday, 24 January 2021

माँ का डर

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ज ब वो घर के बाहर निकलती है मुहल्ले के बच्चों के बीच खेलने के लिए अनगिनत बार झाँक-झाँककर देखती रहती हूँ। पूरी देह ढक सके ऐसे कपड़े पहनने पर ज...
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Friday, 31 July 2020

प्रेमचंद... एक पत्र

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मेरे प्रिय लेखक प्रेमचंद जी, यूँ तो आपसे मेरा प्रथम परिचय आपकी लिखी कहानी  'बड़े घर की बेटी' से हुआ। हाँ हाँ जानती हूँ आ...
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Saturday, 14 September 2019

हिंदी

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किसी त्योहार ,पूजा के अवसर पर पंडालों से लेकर गली मुहल्लों तक , लगभग एक-सा उबाऊ और नीरस कानफोड़ू लाउडस्पीकर पर बजते गानों की तरह "...
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Saturday, 15 June 2019

मेरी बिटिया के पापा

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कल रात को अचानक नींद खुल गयी, बेड पर तुम्हें न पाकर मिचमिचाते आँखों से सिरहाने रखा फोन टटोलने पर टाईम देखा तो 1:45 a.m हो रहे थे।बेडर...
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Friday, 14 June 2019

भूटान यात्रा-2

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जयगाँव स्थित भूटान-प्रवेश द्वार ------ हम जिस गाड़ी में सवार हुये उसमें हम तीन लोग यानि मैं,मेरी बिटिया और उसके पापा के साथ एक सरदार ...
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श्वेता सिन्हा
मन के भावों को शब्द देने का प्रयास करती हूँ।
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